मैं सोचती थी हर वक्त गुजारने की
उसके साथ जो आसमान पर बैठा है
सितारों के भीच मुस्कुराता रहता है
मैं चाहती थी उन सितारों को जलाने की
जो गुरुर करते है उसके साथ होने का
फिर क्या था एक दिन पूछ लिया
"क्या कुछ पल गुजार सकते हो मेरे साथ "
वोह शोक से चला आया मेरे पास
और जब सितारों का गुरुर तोर्ड़ने के लिए
आसमान को देखा तो हैरान हो गई
उस अंधेरे को देख कर
मानो खामोश सा होगया हो सब
जिन सितारों से जलती थी मैं
आज वोह जैसे अँधेरी वादियों मैं घूम से हो गए हो
मैं बहुत धूकी हुई
यह देख कर वोह बोला
क्यो खुश नही तुम मुझे पाकर
भीगी हुई पलकों को उठा कर कहाँ
जब तुम वहां आसमान पर थे
हजारो सितारे तुम्हारी
रौशनी मैं टिमटिमाते थे मुस्कुराते थे
और मैं सोचती थी जलाते है मुझे
पर आज जाना
अपने किस्मत सवारने के लिए
हजारों की किस्मत को रुसवा कर दिया मैंने
जाओ ..तुम वापस जाओ
मैं तो ज़मीन पर रह कर भी
तुम्हारी रौशनी मैं रहूंगी
पर अगर तुम यहाँ रहे
तो हजारों सितारे गुमराह हो जायेंगे
यह सुन कर वोह मुस्कुराते हुए
उन सितारों के भीच पहुच गया
और उसके जाते ही फिर से
हजारों सितारे टिमटिमाते हुए
अपनी शर्माती हुई आँखें खोले
सारे आसमान पर छा गए
मैं भी मुस्कुराते हुए उस
चाँद पर नाज़ करती हू
उसकी रौशनी मैं जलते हुए
हर सितारे पर नाज़ करती हू
और उस पर जो रोशन करता है
हम सब को अपनी रौशनी से
P.s. Framed up some where in starting of year 2004